'https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js'/> src='https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js'/> “किताब की बातें” : गाँधी चौक

 

आज किताब की बातेंकॉलम में हम बात करेंगे लेखक और उपन्यासकार “डॉ. आनंद कुमार कश्यप” जी के पहले उपन्यास  गाँधी चौक” की। ये किताब बिलासपुर के गाँधी चौक में पहुँचे सिविल सर्विस की तैयारी करने और उनके मार्ग में आने वाली बाधा की कहानी है। अब तक इस पुस्तक को पाठको ने खूब सराहा है। प्रस्तुत कृति लेखक का पहला उपन्यास है और आज हम इसी के बारे में बात कर रहें हैं। ये किताब “हिन्दयुग्म ब्लू” से प्रकाशित हुई है।

 

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·         Publisher:  Hind Yugm Blue; First edition (16 June 2021); C-31, Sector-20, Noida (UP)-201301. Ph-0120-4374046, website- hindyugm.com

·         Language:  Hindi

·         Paperback:  200 pages

·         ISBN:  978-8195128631

 

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पुस्तक परिचय:

  

हर आदमी का जीवन सपनों के माध्यम से संचालित होता है। हर व्यक्ति सूरज बनना चाहता है और सबको प्रकाशित करना चाहता है। परंतु सूरज को सूरज बनने के लिए भी लंबा संघर्ष करना पड़ता है। प्रशासनिक अधिकारी बनने का ख्वाब देखने वालों को भी पल-पल अपने ही मानसिक द्वंद्वों से लड़ना पड़ता है। उपन्यास गाँधी चौकके पात्र अश्वनी, सूर्यकांत और नीलिमा अपने इन्हीं मानसिक द्वंद्वों पर विजय प्राप्त करते हैं। यह कहानी अश्वनी के अपने बीहड़ गाँव से निकलकर बिलासपुर के गाँधी चौक में पहुँचे सिविल सर्विस की तैयारी करने और उनके मार्ग में आने वाली बाधा की कहानी है। वे अपनी समस्याओं का समाधान कैसे करते हैं, इस उपन्यास में ये सब नजर आएगा। वहीं यह एक प्रेमी द्वारा अपनी प्रेमिका को पाने के लिए बड़े पद का त्याग कर पुनः पद पाने के लिए संघर्ष की कहानी भी है। यह कहानी आम पाठकों की कहानी है। गाँधी चौक आकर तैयारी करने वाले युवाओं के संघर्ष, समर्पण और सफलता की कहानी है।

 

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लेखक परिचय:

 

डॉ. आनंद कुमार कश्यप 

डॉ. आनंद कुमार कश्यप बहमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व हैं। ये निरंतर लक्ष्य सिद्धी के लिए संघर्ष कर वर्तमान में सहायक प्राध्यापक के पद पर चयनित हुए हैं। अपने उपन्यास गांधी चौकमें एक ओर आनंद ने जहाँ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान संघर्षरत प्रतियोगियों की घुटन, संत्रास एवं असफलता के आँसुओं को शब्द देने का प्रयास किया है, तो वहीं दूसरी ओर सफलता के बाद आने वाली परेशानियों का भी उल्लेख किया है। यह उपन्यास प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक बेहतरीन मार्गदर्शक साबित होगा

 

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पाठक क्या कहते हैं?

 

अंकुश अमेज़न डॉट इन पर लिखते हैं....

हर प्रतियोगी छात्र को यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए।
असफलता तो जीवन का सौंदर्य है। यदि तुम हजार बार भी असफल हो, तो एक बार फिर, सफल होने का प्रयत्न करो।

 

K. ANAND अमेज़न डॉट इन पर लिखते हैं...

ग़ांधी चौक उपन्यास प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालो को अवश्य पढ़नी चाहिए। इस उपन्यास में लेखक का संघर्ष झलकता है। यह एक बेहतरीन उपन्यास है।

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