“किताब की बातें”
: “सव्य साची – छल और युद्ध”
आज “किताब की बातें”
कॉलम में हम बात करेंगे युवा लेखक और उपन्यासकार
“आकाश पाठक” जी के उपन्यास “सव्य साची –
छल और युद्ध” की। ये किताब इतिहास के तथ्यों को खंगालकर, वास्तविक और काल्पनिक
घटनावों से एक अलग कहानी बनायीं गयी है। छल, क्रोध, माया,
प्रेम और साहस से भरी अविस्मरणीय गाथा गाढ़ी है आकाश ने. ये किताब “सूरज पॉकेट बुक्स” से प्रकाशित हुई है।
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Publisher : Sooraj
Pocket Books (1 May 2021); Sooraj Pocket Books
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Language : Hindi
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Paperback : 300
pages
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ISBN : 978-9391042035
पुस्तक
परिचय:
सव्यसाची लेखक – आकाश पाठक
वर्षों
पूर्व शांति स्थापित करने के लिए जिस एकद्वीप का विभाजन हुआ था, आज वही एकद्वीप खड़ा है एक भीषण युद्ध की विभीषिका पर। दक्षिणांचल का
महाराज शतबाहु जल दस्युओं की सहायता से पुनः अखंड एकद्वीप का निर्माण करना चाहता
है, परंतु उसके परिणाम सबके लिए भयावह होने वाले हैं।
मेघपुरम को लक्ष्य बना कर अपने ग्राम से निकला कौस्तुभ क्या मायावियों, वनवासियों और मार्ग की अन्य बाधाओं को पार कर अपने गंतव्य तक पहुँच पायेगा?
मरुभूमि के आश्रम में शिक्षा प्राप्त कर रहा शिखी क्या अपने साथ घट
रही घटनाओं और स्वयं की वास्तविकता को जान पायेगा? सिंधु के
तट पर बसे प्रसान नगर में छद्म रूप में रह रहा युवराज यशवर्धन क्या समय से पूर्व
वर्षानों के षड्यंत्र को समझ पायेगा? किस प्रकार जुड़े हैं यह
सभी आने वाले युद्ध से? छल, क्रोध,
माया, प्रेम और साहस से भरी अविस्मरणीय गाथा!.
पाठक क्या कहते हैं..
पियूष अमेज़न डॉट इन पर लिखते हैं..
सव्यसाची छल और युद्ध.. जैसा कि नाम से दिखता है, नावेल की कहानी ठीक ऐसी है। कहानी बिल्कुल सीधी और तय गति से चलती है
जिसमें लेखक हमें उनकी दुनिया, एकद्वीप से मिलवाते हैं,
जहाँ दो मुख्य राज्य हैं। इन राज्यों की कहानी पर हम बाद में आएंगे
पहले हम नावेल के पात्रों से मिल लें। एक कहानी की शुरुआत होती है कौस्तुभ से जो
देखने से ही कहानी का मुख्य पात्र लगता है और जैसे जैसे नावेल आगे बढ़ता है लेखक
कौस्तुभ के साथ साथ और भी दूसरे पात्रों को लाते हैं जो आपको मंत्रमुग्द कर देंगे।
कहानी का फैलाव बहुत अधिक है जो एकद्वीप
एक छोर से लेकर दूसरे तक फैली है पर कहीं भी यह कहानी को समझने में बाधक नहीं
होता।
सभी पात्र बहुत अच्छे से गढ़े गए हैं और आप
उनके अंतर्मन को समझ सकते हैं। हर पात्र के साथ जुड़ाव बहुत आसानी से करवा पाने में
लेखक सफल रहे हैं।
कहानी में अलग अलग स्थानों पर हो रही
घटनाओं को बहुत ही आसानी से जोड़ा गया है ताकि पाठकों को समझने में कोई दिक्कत न
हो।
एकद्वीप की स्थापना और उसके अलग अलग राज
परिवार और चारों ओर फैले गुरुकुल को बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया गया है जो कि
कहानी को दिलचस्प बनाया गया है। एक अच्छी फैंटेसी दुनिया बनाने में लेखक पूरी तरह
सफल हुए हैं।
छल और युद्ध , नावेल बहुत ही रोचक शीर्षक है और कहानी
का असली भेद इसी में छिपा है। एक ओर जहाँ कौस्तुभ और दूसरे पात्रों की कहानी चलती
रहती है जो कि स्वयं में बहुत रोचक है, एकद्वीप में एक युद्ध
की शुरुआत हो चुकी है जिसका लक्ष्य है विभाजित एकद्वीप को फिर से एक करना।
युद्ध के दृश्य बहुत ही आकर्षक लिखे हैं
और युद्ध जीतने के लिए दोनो सेनाओं के संघर्ष साफ झलकता है और यह लेखक की कला साफ
दिखाता है।
कुल मिला कर यह कहानी हिंदी भाषा की
उत्कृष्ट रचना है जिसमें हर क्षेत्र में लेखक की मेहनत दिखती है।
कहीं कहीं पर कहानी थोड़ी लंबी लगती है पर
पूरी एक फैंटेसी दुनिया बनाने के लिए यह जरूरी है।
सव्यसाची नाम की यह नावेल जब उसके मुख्य
पात्र पर जब केंद्रित रहती है वह भाग मुझे कहानी का सबसे अच्छा भाग लगा।
मेरी रेटिंग.. 4.5/5..
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