“किताब की बातें” : इश्क एक्सप्रेस
आज “किताब की बातें” कॉलम में हम
बात करेंगे युवा लेखक और उपन्यासकार “डॉ. पीयूष बैंदाड़ा” जी के दुसरे उपन्यास “इश्क़ एक्सप्रेस” की। ये किताब सत्य घटनाओं पर काल्पनिक घटनावों के सागर में डूबकर एक
अलग कहानी बनायीं गयी है। अभी तक इस किताब को पाठको ने खूब सराहा है। प्रस्तुत
कृति इनका दूसरा उपन्यास है और आज हम इसी के बारे में बात कर रहें हैं। ये किताब “हिन्द युग्म ब्लू” से प्रकाशित हुई है।
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Publisher : Hind Yugm
Blue; First edition (10 July 2021); C-31, Sector-20, Noida (UP)-201301.
Ph-0120-4374046, website- hindyugm.com
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Language : Hindi
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Paperback : 172 pages
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ISBN : 978-819512861
उपन्यास का परिचय:
उपन्यास ‘इश्क़ एक्सप्रेस’ की कहानी सत्य घटनाओं पर आधारित है। लेखक की क़लम से काग़ज़ पर कहानी उतर जाने तक का सफ़र आसान नहीं होता। कुछ की तो ज़िंदगी गुज़र जाती है और फिर भी सफ़र अधूरा ही रह जाता है। हर कहानी का अपना एक सच होता है जो पूरे सफ़र में लेखक को बार-बार कल्पनाओं के सागर में गोते लगाने में बाधा बनता है। लेखक कितनी ही कोशिश कर ले, कहानी का सच उसे एक मुकाम तक पहुँचा ही देता है। लेकिन कभी-कभी कुछ कहानियाँ अपने आप में इतना कुछ समेटे होती हैं कि कुछ पन्नों में समेटने में लेखक असफल ही रहता है। इश्क़ एक्सप्रेस भी एक ऐसी ही कहानी है।
लेखक का परिचय:
डॉ. पीयूष बैंदाड़ा |
डॉ. पीयूष बैंदाड़ा
अमेरिका के कोलम्बिया में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिसौरी के स्कूल ऑफ़ मेडिसिन के
आणविक माइक्रोबायोलॉजी तथा इम्यूनोलॉजी विभाग में शोध-वैज्ञानिक के रूप में
कार्यरत हैं। पीयूष ने भारत में हरित क्रांति की जननी, गोविंद बल्लभ पंत
कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से कृषि में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
तत्पश्चात इन्होंने अपने शोध करियर का आरंभ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के स्कूल
ऑफ लाइफ़ साइंसेज़ से किया और इसके बाद सीएसआईआर - इंस्टीट्यूट ऑफ़ माइक्रोबियल
टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़ से माइक्रोबायोलॉजी में
डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इश्क़ एक्सप्रेस उनका दूसरा उपन्यास है।.
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पाठक क्या कहते हैं?
“मोना श्री” अमेज़न
डॉट इन पर लिखती हैं.
किताब की कहानी दो सच्ची प्रेमी जोड़ी की
प्रेम कहानी के उपर आधारित है। कहानी की मुख्य पात्र 'पलाश' ओर 'जिग्ना' , उनकी लोंग
डिस्टेंस रिलेशनशिप को लेकर है। पलाश जो की राजस्थान से आके पतंनगर की एक हॉस्टल
मे रहकर पढाई करता है। लेखक ने हॉस्टल लाइफ को जैसे वर्णन किये है पाठक को अपनी
हॉस्टल लाइफ याद आ जायेगी।
SAUCYHUB 1807 अमेज़न डॉट इन पर लिखते
हैं...
ये कहानी एक स्टूडेंट की है और उसके जीवन
मे आने वाले हर उन पड़ावों की जिससे हर एक युवा कभी ना कभी तो गुजरता ही है..फिर
चाहे वो कॉलेज लाइफ हो या पहली नज़र का पहला प्यार, हॉस्टल की मारामारी
हो या घर से दूर होने का एहसास, बाकी तमाम उतार–चढाव ... ll
✍️कहानी मे एक ओर पलाश है समझदार और परिपक्व व्यक्तित्व जो की इस
कहानी का नायक है और दूसरी और जिग्ना पलाश की मोहब्बत शांत और मासूम..
यूँ तो पलाश राजस्थान से और जिग्ना बिहार से है
लेकिन इनकी "इश़्क express" का station तो दिल्ली है.. जहाँ इन दोनो का एक दूसरे से मिलना संभव हो पाता
है...
अब इनकी इश्क की गाड़ी किन–किन बाधाओं से
होते हुए और किस रफ़्तार से गुजरेगी, कैसे अपने गंतव्य तक पहुंचेगी, और पहुंच भी
पायेगी या नहीं ये सब जानने के लिए आपको इश्क express की यात्रा तो करनी
ही होगी ll
किताब का कवर ही इतना मनमोहक है की देखते ही पढ़ने
की लालसा बढ़ती है.. सरल भाषा मे लिखी गयी यह कहानी अंतरमन को छु जाती है.. इस
कहानी में दर्शाए गए जिंदगी के उतार-चढ़ाव कुछ ऐसे है की आप खुद को इससे जुड़ा हुआ
पाएंगे.. ll
अगर आपकी रुचि Love stories पढ़ने मे है
तो आपके लिए यह एक अच्छी किताब है पढियेगा जरूर🌺
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नोट : इस लेख में संलग्न पाठक समीक्षा अमेज़न डॉट इन से लिया गया है.
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