आज किताब की बातें कॉलम में हम बात करेंगे युवा लेखक संतोष कुमार जी और उनके उपन्यास ‘वर्जिन मदर’ के बारे में।
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Language : Hindi
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Paperback : 175 pages
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ISBN-10 : 8195128653
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ISBN-13 : 978-8195128655
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Importer : Hind Yugm,
C-31, Sector-20, Noida (UP)-201301. Ph-0120-4374046
उपन्यास ‘वर्जिन मदर’ में एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो आधुनिक युग की सभी प्रेमिकाओं में शीर्ष स्थान पर नजर आती है। उपन्यास के अनोखे शीर्षक की तरह ही इस उपन्यास की नायिका का चरित्र भी अनोखा है। एक ऐसी लड़की की कहानी है जो सफल प्रेमिका के साथ ही साथ एक आज्ञाकारी बेटी भी है। वह इस आधुनिक युग के साथ कदम से कदम मिलाकर पुरुष जगत में अपना लोहा मनवाने वाली महिला है। कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, नायिका का किरदार उठता हुआ नजर आता है। बिन ब्याही होकर भी नायिका ने माँ के रूप में भी अपनी भूमिका को बेहद सहज ढंग से निभाया है। उपन्यास के अन्य पात्र भी अपने आप में अद्वितीय हैं। किसी भी किरदार में बनावटीपन नहीं दिख रहा है, यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
About the Author
मुंबई में जन्मे लेखक संतोष कुमार ने
अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर इतिहास में अपना अद्धभुत महत्त्व रखने वाले भारत के
जाने-माने विश्वविद्यालय मुंबई विद्यापीठ से कॉमर्स में स्नातक पूरा किया और फिर
यहीं से हिंदी में परास्नातक भी पूरा किया। मुंबई के स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन के
मेंबर संतोष कुमार को छोटी उम्र से ही रचनाओं का अध्ययन करना अत्यंत प्रिय था और
अपने इसी साहित्यिक रुचि को मन में सजाए रखते हुए ही वह स्वयं भी एक उत्कृष्ट
लेखक बन सके। वर्तमान में संतोष मुंबई में एक अच्छे कलाकार निर्देशक (Casting Director) के तौर पर कार्यरत हैं और साथ ही कई वेब सीरीज और टीवी धारावाहिकों
में भी अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।.
पाठक क्या कहते हैं?
“कृति बघेल” अमेज़न डॉट इन पर लिखती हैं...
A
different love story!!
प्यार तो एक ही बार होता है, जो बार-बार हो उसे
समझौता कहते हैं या कुछ और"...
लेखक संतोष कुमार की पुस्तक 'वर्जिन मदर' की लाइन मेरी सबसे
पसंदीदा लाइन है।
संतोष जी की यह पहली किताब है लेकिन इस किताब को
पढ़ते हुए ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा कि इसे किसी नए लेखक ने लिखा है। सुहाना, कबीर, समय, काव्या, दिव्या. ऐसे कई
किरदार है इस कहानी में, लेकिन कहानी के अंत तक मेरा फेवरेट किरदार 'समय' ही रहता है। सुहाना
ने समय को जो संस्कार और प्यार दिया था, शायद उसी के दम पर वह आखिर में सारी
खुशियां पाने में सफल हो जाता है। संतोष जी ने जिस संजीदा के साथ इस कहानी को लिखा
है वह काबिले तारीफ है। किताब के हर नए पन्ने पर आपको सस्पेंस मिलेगा और लेखक ने
इस सस्पेंस को बखूबी लिखा है। इस किताब का नाम 'वर्जिन मदर' क्यों रखा गया?? इस सवाल का जवाब
आपको किताब पढ़कर ही पता चलेगा।
बहरहाल किताब पढ़कर बहुत अच्छा लगा। संतोष जी को
उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं। ऐसे ही शानदार लिखते रहिए।
“अनुरेश कुमार” किताब के लिए अमेज़न डॉट इन पर लिखते हैं.
एक सफल प्रेमिका की कहानी है वर्जिन मदर;
मैं भी संतोष जी को बहुत बधाईयाँ और शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ। आप इनकी किताब यहाँ से प्राप्त करें।
नोट: इस लेख की जानकारियां अमेज़न डॉट इन से ली गयी हैं.
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