पत्रकार और साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी |
दुनिया में हजारों साहित्यकारों ने जन्म लिया। बहुत ऐसे रहे जिन्हें खूब पढ़ा गया और आज भी
पढ़ा जाता है और ऐसे भी साहित्यकार गुजर गए और कुछ अभी भी हैं, जिन्हें पढ़ा जाना
ज़रूरी है। आज
ऐसे ही एक साहित्यकार सह पत्रकार सह लेखक... ‘पंकज चतुर्वेदी’ की बात
करेंगे।
ऐसे तो ये ‘हिंदी और अंग्रेजी’ में खूब अच्छे से पढ़ना-लिखना और बात करना जानते हैं। साथ ही साथ गुजराती, मराठी और बंगला आदि का
कार्यसाधक ज्ञान भी रखते हैं।
11 दिसम्बर 1963 ई० को जन्मे चतुर्वेदी जी ने
अपनी विधालय की शिक्षा पूरी करने के बाद बी. एस.सी. (भौतिकी, रसायन और गणित) किया
तथा फिर एम. एस.सी. (गणित) से किया। इन्होंने कभी भी धन, पद, यश और नाम के लिए जोड़-तोड़ नहीं की। इनकी कहानीयों और अनुवादों से साहित्य को बहुत
कुछ मिला।
इनका साहित्य के प्रति कार्य और सेवा सराहनीय है।
इन्होने बतौर एक पत्रकार बहुत सारे कॉलम भी
लिखे. एक पत्रकार होने का काम बहुत ईमानदारी से किया और अभी भी कर रहे हैं.
इन्होने ‘पर्यावरण और समाज’ पर अभी तक नौ (9) पुस्तकें लिख चुके हैं जबकि ‘बाल
साहित्य’ पर अन्य 32 (बत्तीस) पुस्तकें अलग-अलग प्रकाशनो से प्रकाशित भी हो चुकी
है। और
साथ ही साथ इन्होने प्रथम बुक्स, नेशनल बुक ट्रस्ट, वर्चुअस बुक्स के लिए 92 बाल
पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया है। एनसीईआरटी, दिल्ली
के पाठ्य पुस्तक के लिए भी अपना सहयोग दे चुकें हैं। इनके
कामों और सेवाओं के लिए इन्हें सम्मान भी मिल चुकें हैं।
पंकज जी की किताब "लहरों में ज़हर"
“पंकज चतुर्वेदी की पर्यावरण और समाज पर
पुस्तकें”
क्रमांक |
पुस्तक का नाम |
प्रकाशक |
आई एस बी एन/ प्रकाशन वर्ष |
पृष्ठ |
मूल्य |
1 |
समय के सवाल |
मध्य प्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल |
2018 |
322 |
200.00 |
2 |
दफ़न होते दरिया |
यश पब्लिकेशन्स, नयी दिल्ली |
978-93-81945-50-6,
2014 |
174 |
595.0 |
3 |
क्या मुसलमान ऐसे ही होते हैं ? |
शिल्पायन प्रकाशन, नयी दिल्ली |
978-81-89918-51-4,
2010 |
136 |
175.00 |
4 |
जल माँगता जीवन |
आधार प्रकाशन प्रायवेट लिमिटेड, पंचकुला |
978-81-7675-552-8 2016 |
184 |
300.00 |
5 |
लोक, आस्था और
पर्यावरण |
परिकल्पना प्रकाशन,
नयी दिल्ली |
978-93-87859-60-9 2018 |
128 |
325.00 |
6.
|
समाज के सवाल |
परिकल्पना प्रकाशन,
नयी दिल्ली |
978-93-87859-96-8 2020 |
200 |
495.00 |
7. |
कहानी कहने की कला |
नेशनल बुक ट्रस्ट,
इंडिया, नयी दिल्ली |
978-81-237-7048-2 2014 |
52 |
75.00 |
8 |
लहरों में जहर |
बोधि प्रकाशन, जयपुर |
978-93-90419-57-9 |
94 |
10.00 |
9 |
धरती को बचाओ |
यश पब्लिकेशन्स , दिल्ली |
978-93-81130-48-3 |
160 |
450.०० |
बाल साहित्य
1. |
कहानी कहने की कला |
नेशनल बुक ट्रस्ट,
इंडिया, नयी दिल्ली |
978-81-237-7048-2 2014 |
52 |
75.00 |
2. |
क्यों डूबी पनडुब्बी |
प्रकाशन विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, नयी दिल्ली |
978-81-230-3156-9 2019 |
52 |
110.00 |
3 |
बेर का पेड़ |
उत्तम प्रकाशन, शाहदरा, दिल्ली |
2005 |
16 |
25.00 |
4 |
नमक की खेती |
दिवि इन्टर नेशनल,
शाहदरा, दिल्ली |
2005 |
16 |
25.०० |
5 |
पालतू पशुओं की देखभाल |
उत्तम प्रकाशन, शाहदरा, दिल्ली |
2008 |
24 |
28.०० |
6 |
कडवी मिठास |
आकृति प्रकाशन दुर्गापुरी दिल्ली |
2005 |
16 |
25.०० |
7 |
गोबर से सोना बनाने का जादू |
गंगा डिस्ट्रीब्यूटर दरियागंज, दिल्ली |
2005 |
16 |
25.०० |
8. |
भूत धुलाई केंद्र |
अरुणोदय प्रकाशन, दरियागंज, दिल्ली |
2005 |
16 |
30.०० |
9 |
महामना मदन मोहन मालवीय |
भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली |
978-93-263-5459-2 2016 |
20 |
40.00 |
10. |
मेरा पहला हवाई सफ़र (अंग्रेजी, तमिल, पंजाबी सहित पांच भाषा में उपलब्ध) |
नेशनल बुक ट्रस्ट,
इंडिया |
978-81-237-6695-9 2013 |
16 |
50.00 |
11 |
बस्ते से बाहर कापी पेन्सिल (अंग्रेजी में भी) |
रूम टू रीड इंडिया,
नयी दिल्ली |
971-81-89754-21-0 2008 |
16 |
40.00 |
12 |
यह मैं हूँ (अंग्रेजी, आठ भारतीय भाषा और 22 विदेशी भाषाओँ में उपलब्ध) |
प्रथम बुक्स, बंगलुरु |
81-8263-426-1 2006 |
16 |
15.00 |
13 |
ढेर सारे दोस्त |
नमन प्रकशन, लखनऊ |
2004 |
24 |
27.०० |
14. |
हमारे बहुउद्देशीय उपग्रह |
परम्परा पब्लिकेशन्स,
शाहदरा, दिल्ली |
2005 |
24 |
25.०० |
15. |
अमर शहीद खुदीराम बोस |
नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया |
2010 |
22 |
17.०० |
16. |
विपिनचंद पाल |
नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया |
2010 |
24 |
15.०० |
17 |
बेर का पेड़ |
भारत ज्ञान विज्ञान समिति, नई दिल्ली |
978-93-81811-42-9 2014 |
24 |
35.00 |
18 |
ख़ुशी (अंग्रेजी, आठ भारतीय भाषा और 22 विदेशी भाषाओँ में उपलब्ध) |
प्रथम बुक्स, बंगलुरु |
978-81-8263-428-2 2006 |
16 |
20.00 |
19 |
पहिया |
वर्चुअस पब्लिकेशन्स,
नोयडा |
9789350310106 2010 |
16 |
48.00 |
20- |
गुल्लो बड़ी हो गयी |
आद्या बुक्स, मोडल बस्ती, नयी दिल्ली |
2011 |
16 |
48.00 |
21
|
रिमझिम (पहली फ्लिप बुक) |
रूम तो रीड इंडिया |
81-89754-13-0
2006 |
24 |
75.00 |
22 |
मेट्रो
का मज़ा (अंग्रेजी, तमिल, पंजाबी सहित पांच भाषा में उपलब्ध) |
नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया |
978-81-237-6702-4 2013 |
16 |
35.00 |
23 |
चन्दा और खरगोश (अंग्रेजी, आठ भारतीय
भाषा और 22 विदेशी भाषाओँ में उपलब्ध ) |
प्रथम बुक्स, बंगलुरु |
978-81-8263-424-4 2006 |
16 |
20.00 |
24 |
मैं भी कुछ करूँ (अंग्रेजी, आठ भारतीय
भाषा और 22 विदेशी भाषाओँ में उपलब्ध) |
प्रथम बुक्स, बंगलुरु |
978-81-8263-426-3 2006 |
16 |
20.00 |
25
|
भोंदू |
दिवि पब्लिकेशन्स दरिया गंज, दिल्ली |
2005 |
24 |
30.00 |
26 |
दूर
की दोस्ती |
वर्चुअस पब्लिकेशन्स,
नोयडा |
9789350310137 2010 |
16 |
48.00 |
27 |
लो
गर्मी आ गयी |
वर्चुअस पब्लिकेशन्स,
नोयडा |
9789350310113 2010 |
16 |
48.00 |
28 |
कहाँ गए कुत्ते के सींग |
वर्चुअस पब्लिकेशन्स,
नोयडा |
9789350310120 2010 |
16 |
48.00 |
29 |
फूल वालों की सैर |
वर्चुअस पब्लिकेशन्स,
नोयडा |
9789350314999 2015 |
16 |
99.00 |
30 |
बेलगाम घोड़े व् अन्य कहानियाँ सन २०१८ में हरे कृष्ण देवसरे सम्मान |
शरारे प्रकाशन, जनकपुरी, नयी दिल्ली |
978-93-83824-03-8 2015 |
60 |
100.00 |
31 |
साईकिल वाले भैया (अंग्रेजी में भी उपलब्ध) |
रूम तो रीड इंडिया |
978-81-89754-89-1 2010 |
12 |
|
32 |
गाँव की माटी से (संपादन ) |
यूनिसेफ , लखनऊ |
2004 |
36 |
- |
- प्रथम बुक्स , नेशनल बुक ट्रस्ट , वर्चुअस बुक्स के लिए 92 बाल पुस्तकों का
अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया।
- आई० आई० टी०, दिल्ली और राजीव गांधी जल मिशन द्वारा
वर्ष १९९९ में प्रकाशित शोध ग्रन्थ “बुंदेलखंड का जल संकट” में पंकज
जी के दो आलेख और संदर्भ सामग्री में कई स्थान पर उल्लेख है।
- जामिया मिलिया इस्लामिया के लिए यूनेस्को
के सहयोग से आपदा प्रबंधन पर सामग्री, कुछ प्रवेशिका और पोस्टर के लिए कार्य
किया, इसमें सूखे
पर पहली बार कोई सामग्री पंकज जी ने तैयार की।
- पंजाब एजुकेशन बोर्ड सहित कई पाठ्य
पुस्तकों में पाठ शामिल हुए।
- चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट सहित कई प्रकाशनों
में इनकी रचनाएँ शामिल हुई।
- जिला साक्षरता समिति, छतरपुर के लिए वातावरण निर्माण हेतु
सांस्कृतिक जत्थे की पुस्तक “ललक” का संपादन, वर्ष 1992 में किया।
- चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट के कहानी संकलन में
रचना – “विधिचंद
की गुरुभक्ति”
- नवभारत प्रकाशन मंदिर, सहारनपुर की क्लास 6, 7, और 8 की हिंदी पाठ्य पुस्तकों में अध्याय।
- “आज भी खरे हैं तालाब” गांधी
शांति प्रतिष्ठान की लोकप्रिय पुस्तक में बुंदेलखंड के तालाबों का संदर्भ
पंकज जी के माध्यम से उल्लेख किया गया।
- एन० सी० ई० आर० टी०, दिल्ली की कक्षा 8 की इतिहास की पाठ्य
पुस्तक में भी अपना सहयोग दिया।
- नंदन, पराग, बाल भारती सहित सभी बाल पत्रिकाओं में सन १९८८ से नियमित लेखन कर रहें हैं।
पत्रकार और साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी
आज कल हम खूब लिखते हैं, लिखना भी चाहिए लेकिन हमें उससे पहले पढ़ने
की ज़रूरत है।
ऐसे लेखकों को जिन्होंने अपनी जान लगाकर साहित्य की सेवा की और अपने अनुभव ज्ञान
और चेतना से लिखते रहे हैं। आज हमारे सामने ऐसे ही एक साहित्यकार मजूद हैं और इनकी सारी किताबे
और लेख भी उपलब्ध है। ऐसे लेखक जिन्होंने एनसीईआरटी, दिल्ली
में बतौर सहायक काम किया और अपने अनुभव के साथ सहयोग दिया ताकि पुस्तकें तैयार हो
सकें। और भी अलग-अलग प्रकाशनों में अपना सहयोग देते रहे हैं, जहाँ पुस्तकें तैयार
की जाती है; ताकि बच्चो को अच्छी किताबें और अभूत आसानी से अच्छा ज्ञान मिल सके।
सम्मान
और पुरस्कार
1.
मध्य प्रदेश आंचलिक पत्रकार संघ द्वारा वर्ष 1991 के लिए ‘माखन लाल चतुर्वेदी
पत्रकारिता पुरस्कार’ मिला ।
2. षष्ठम
विश्व पर्यावरण महासम्मेलन, 1997 में 'राष्ट्रीय पर्यावरण सेवा सम्मान'
मिला।
3.
टीकमगढ़ जिला पत्रकार संघ द्वारा निवाड़ी में नवंबर-92 में बुंदेलखंड की बेहतरीन
पत्रकारिता के लिए सम्मानित किए गए।
4.
चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित छठी वार्षिक प्रतियोगिता में वर्ष 1999 के लिए 'ऐतिहासिक/पारंपरिक 'संवर्ग (9-12 आयु-वर्ग) का द्वितीय पुरस्कार
मिला।
5.
साक्षरता निकेतन, राज्य संसाधन केंद्र द्वारा आयोजित ‘अखिल
भारतीय नवसाक्षर लेखन प्रतियोगिता’ वर्ष 2001-02 में इनकी दो पांडुलिपियाँ
पुरस्कृत की गई।
6.
7 वें ‘अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मलेन’, गाजियाबाद, वर्ष 1999 में 'युवा लेखक सम्मान' का यश इन्हें प्राप्त है।
7. ‘राजीव
गांधी एक्सीलेसी अवार्ड’ कॉन्सटीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली, के द्वारा 29 जून 2011 को सम्मानित किया गया।
8.
एनसीईआरटी के लिए तैयार ऑडियो कार्यक्रम को श्रेष्ठ पुरस्कार भी मिला, वर्ष -2008
में कार्यक्रम-बचेन्द्री पाला।
9. ‘साहित्य
अकादमी’ के वार्षिक आयोजन 'फेस्टीवल आफ लेटर्स'
- 2012
में बाल साहित्य रचना पाठ के लिए आमंत्रिता प्राप्त हुआ।
10.
वर्ष 2016 का डॉ० हरिकृष्ण देवसरे बाल साहित्य सम्मान।
11. वर्ष 2016 का महावीर प्रसाद द्विवेदी प्रयावरण
सम्मान से सम्मानित हुए।
12.
वर्ष 2019 के लिए उत्तर प्रदेश शासन का 'सूर पुरस्कार' भी मिला।
13.
' ए.बी.पी. न्यूज' चैनल द्वारा 2014 का 'श्रेष्ठ हिंदी ब्लॉग'
सम्मान
मिला।
14.
‘माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय’, भोपाल द्वारा वर्ष 2017 के लिए 'महेश गुप्ता सृजन सम्मान' से पंकज जी को सम्मानित किया गया
अख़बारों में पंकज जी के प्रकाशित लेख |
पत्रकारिता
इन्हें
समय समय पर उपरोक्त सम्मान मिलते रहे हैं। पंकज जी अपनी पूरी लगन और मेहनत से जून 1982
से
पत्रकारिता में जमे हुए हैं. पहली बार इन्होने अपनी पत्रकारिता के लिए “दिल्ली
प्रेस, दिल्ली (1982-84)” में काम किया फिर लगातार निम्न संस्थानों
में कार्यरत रहे
·
‘जनसमर्थन उज्जैन’ (1983-85)
·
‘दैनिक देशबंधू’ (1985)
·
‘दैनिक आचरण, सागर’ (1986-88)’
·
‘साप्ताहिक डॉन, भोपाल’ (1986-87),
·
‘उनीव समाचार एजेंसी, दिल्ली’
(जून
से दिसम्बर, 1986)’
·
‘दैनिक जागरण झाँसी’ (1987-94)
·
‘काल चक्र विडियो पत्रिका, नई दिल्ली’ (1993-94)
·
‘जनसत्ता, दिल्ली’ (1989-90)
पत्रकार और साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी
अंतरराष्ट्रीय
सेवाएँ
उपरोक्त
संस्थानों एवं अन्य कुछ और भी संस्थानों में अपनी पूरी कर्मठता से पंकज जी अपनी
सेवा देते रहे और भी अन्य प्रकाशन समूहों के पत्र/पत्रिकाओं से इनकी लगभग
20000 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
दूरदर्शन, एनडीटीवी, जनमत और लोकसभा जैसे सम्मानित चैनलो पर कई बार एक विशेषग के
रूप में इन्हें आमंत्रित किया जा चूका है। आकाशवाणी दिल्ली, और दूरदर्शन के कई
कार्यकर्मो के लिए भी लेखन का काम किया।
विश्व
पुस्तक मेला, नई दिल्ली, के दौरान गत 18 मेलों में 8/16 पेजों के दैनिक पत्रिका का
संपादन कर चुके हैं तथा विदेश यात्रा, कराची (पाकिस्तान), तिन बार पेईचिंग (चीन),
अबुधाबी (दुबई), तथा इजिप्ट के अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेलो में भारत का
प्रतिनिधित्व किया। इन देशों में कई साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन किया।
आप मेल से लेखक और पत्रकार पंकज चतुर्वेदी जी से संपर्क साध सकते हैं.
इसके लिए जानकारियां निम्न है.
पंकज चतुर्वेदी
ईमेल-
pc7001010@gmail.com
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