डॉ० इरशाद अहमद |
शिक्षक पिता श्री वकील अहमद और गृहणी ममताई माता श्रीमती सोगरा बेग़म के सुपुत्र डाॅ० इरशाद अहमद लेखक और भारतीय रेलवे में लोको पायलट (अप्रैनटिस) भी हैं। इसका जन्म 25 जनवरी 1968 को सीवान जिले के बड़हरिया थानान्तर्गत पट्टी भलुआँ नामक ग्राम में हुआ।
प्रारम्भिक शिक्षा पिताजी की देख-रेख में गाँव के सरकारी विद्यालय में हुई। पाँचवी कक्षा के बाद जी.एम. उच्च विद्यालय बड़हरिया में नामांकन हुआ। इसी विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की। सन् 1983 में इण्टर तथा 1988 में बी.ए. (आर्नस) की परीक्षाएँ डी.ए.वी. महाविद्यालय, सीवान से प्रथम श्रेणी में पास किया। कुछ दिनों के लिए उर्दू उच्च विद्यालय बड़हरिया में शिक्षण कार्य किया।
फिर बहुत जल्द दिनांक 13.06.1990 को भारतीय रेलवे में सहायक लोको पायलट (अप्रैटिस) के रूप में इनकी नियुक्ति गोरखपुर रेलवे भर्ती बोर्ड से हो गई। मौजूदा दिनों में लोको पायलट के पद पर छपरा में कार्यरत हैं और अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
रेलवे में नियुक्ति के बाद भी इन्होंने अपनी अध्ययन कार्य को निबार्ध रूप से जारी रखा। सेवा में रहते हुए दुरस्थ शिक्षा केन्द्र मुजफ्फरपुर से सन् 2000 में एम.ए. (प्रथम श्रेणी) से पास किया तथा सन् 2009 ई० में बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय , मुजफ्फरपुर से पीएच.डी० की उपाधि से अलंकृत हुए।
PHD में इनका विषय "तरक्की पसंद तहरीक के खावतिन का हिस्सा" था।
डाॅ० इरशाद अहमद एक सम्मान ग्रहन करते हुए। |
बचपन से ही अध्ययनशील रहे डॉ० इरशाद अहमद का जीवन काफ़ी संघर्षमय रहा। इन्होंने अपनी ज़िन्दगी को एक दरिया में हिलते डुलते सफिने में गुजारने जैसी गुजारी है। और अलहम्दुलिल्लाह, अभी अपने भरे पूरे परिवार के साथ आनंदमयी जीवन में भारतीय रेलवे की तथा अपनी लेखनी से साहित्य की सेवा कर रहे हैं।
बिहार के गिने चुने साहित्यकारों में सम्मिलत डॉ० इरशाद अहमद अपनी लगन और कठोर परिश्रम से हिन्दी और उर्दू साहित्य को बहुत प्यार और सम्मान के साथ अनमोल रचनाएँ दी हैं। हिंदी और उर्दू साहित्य की अनेक विधाओं में बहुत ही शोधपरक के बाद इन्होंने अपनी अनमोल रचनाएँ लिखीं हैं।
इन्होंने ने हिन्दी और उर्दू में अभी तक पाँच किताब लिख दी है। और बाकी के चार किताबों पर अभी काम चल रहा है जो पब्लिकेशन में हैं। डॉ० इरशाद अहमद बहुमुखी प्रतिभा के लेखक, विचारक और आलोचक हैं। कविता , कहानी, निबन्ध, आलोचना, अनुवाद, आदि विधाओं को इनकी लेखनी से साहित्य को बहुत कुछ मिला है।
इन्होंने कभी भी धन, पद, यश और नाम के लिए जोड़ तोड़ नहीं की और निर्सवार्थ साहित्य की सेवा करते रहे हैं। और अभी भी साहित्य के साथ साथ समाज की सेवा भी कर रहे हैं। सीवान के किसी भी कार्यक्रम के प्रमुखता से अपनी उपस्थिती दिखाने की कोशिश करते हैं। साहित्य ऐसा ही है कि मनुष्य के दिल में प्रेम और करुणा भर देता है। इतना प्रेम इतना अनुराग की साहित्यिक व्यक्ति हमेशा प्रेम बाटने की तलाश में होते हैं और बाटते रहते हैं। डॉ इरशाद भी इससे अछूते नहीं रहे हैं।
ड्यूटी में विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए पठन एवं लेखन कार्य जारी रहा। विगत दो दशकों से ढेरों लेख एवं रचनाएँ विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के पत्र एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। सन् 2011 में सर सैयद के समाज के प्रति विचारों को विमर्श करती एक पुस्तक “सर सैयद के समाजी नज़रियात" प्रकाशित हो चुकी है ।
इनकी कृतियाँ हैं:
1. सर सैय्यद के समाजी नज़रियात (2011)
2. जदीद ऊर्दू सागर ( पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए।
3. शब्द रहेगें साक्षी ( 2017)
4. निगाहें नकद् (2019)
5. मूसा कलीम शक्स और शायरी (2020)
इनकी अब तक ऊर्दू में चालीस और हिन्दी में पचास से अधिक निबन्ध राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में छप चुके हैं।
डाक्टर साहब की अभी चार किताबें पब्लिकेशन हाऊस में हैं और बहुत जल्द ही पाठकों के हाथों में होगी। इनकी लेखनी को बहुत प्यार और सम्मान दिया गया है और बहुत कार्यक्रम में इन्हें प्रमुख के रूप में बुलाया गया है। इनकी लेखनी के लिए कई सम्मानों और अवार्डों से सम्मानित भी किया गया है।
डॉक्टर साहब को सम्मान :
1. बिहार के पटना में 12 नवम्बर 2019 को "कलिमुल्लाह कलीम दोस्तपूरी अवॉर्ड" से नवाज़ा गया।
2. बिहार के छपरा में 11 दिसंबर 2019 को ऊर्दू अदब की खिदमत के लिए " मिर्ज़ा ग़ालिब अवॉर्ड " से नवाज़ा गया।
3. "देवकी राय स्मृति सम्मान" से देवरिया, उत्तर प्रदेश में 18 जनवरी 2020 को सम्मानित किया गया।
4. और अभी तत्काल ही में "हिन्दी सेवी सम्मान" से बिहार के पटना में 10 जनवरी 2021 पूरी सभा में सम्मानित किया गया।
अभी भी कई किताबों पर एक साथ काम कर रहे हैं। आशा की जाती है कि निकट भविष्य में इनकी और भी समाज के लिए उपयोगी अन्य कृतियाँ हमें पढ़ने को मिलेंगी।
नोट: इनसे फोन पर राब्ते के लिए या फिर खतुत के जरिए राब्ते की लिए इनका पता, मोबाइल और इमेल निम्नलिखित हैं।
Dr. Irshad Ahmad, Amina Manzil, Islamia Nagar, siwan bihar, 841226,
ई मेल :- drirshadahmad05@gmail.com
मोबाइल:- 9431644722, 9771443219
Bahut behtareen
ReplyDeleteThank you so much 🥰
DeleteKhaas h inki kahani
ReplyDeleteThank you so much 🥰
DeleteApne siwan ke lekhak...
ReplyDeleteThank you so much🙏
DeleteApne siwan me v behtreen writer hai ....
ReplyDeleteJi Hazrat, bilkul sach baat hai, ye alag baat hai ki unhen itni makbuliyat abhi nahi mili hai.
Deletebehtareen parichay,,, padh kr laga ye bahut bade lekhak hain,,,,
ReplyDeleteThank you so much padhne ke liye... aur han ye bahut achhe lekhayak hain,, inki 9 kitaben hain.. 6 kitabven aa chuki hain aur baki ki abhi aane wali hai,,
Deleteaap inki kitaben bhi padhen achha lagega.//
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