'https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js'/> src='https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js'/> किताब की बातें : उगता सूरज

 

किताब की बातें  उगता सूरज

 

आज किताब की बातेंकॉलम में हम बात करेंगे लेखक और उपन्यासकार अंशुमान शर्मा सिद्धप जी के उपन्यास उगता सूरज की। ये एक पुर्णतः काल्पनिक कहानी है जिसमे पंडित अम्बा प्रसाद भार्गव हैं जिन्हें डॉक्टर बनना था लेकिन आर्थिक स्थिति के कारणवश पंडित बनकर ही अपने जीवन निर्वाह कर रहें हैं. जब उन्होंने अपनी ही तरह के प्रतिभाओं को दमन होते देखा तब उनसे रहा नहीं गया और अपने अथक परिश्रम से “उगता सूरज” नाम की ऐसी संस्था कड़ी कर जो निःशुल्क शिक्षा के लिए विधालय और महाविधालय था एवं वहां पढ़ रहे विधार्थियों के लिए स्कालरशिप भी देने का प्रावधान था.

अब तक इस पुस्तक को पाठको ने खूब सराहा है। प्रस्तुत कृति लेखक की पहली पुस्तक है. पुस्तक है और आज हम इसी के बारे में बात कर रहें हैं। ये किताब राजमंगल प्रकाशनसे प्रकाशित हुई है।

Publisher: राजमंगल प्रकाशन

Language: Hindi

Paperback: 121 Pages

·ISBN: 978-93-90894-29-1

 

पुस्तक परिचय:



एक ऐसे व्यक्ति की काल्पनिक कहानी है जो अपने जीवन में आर्थिक कष्टों के करणवश डॉक्टर नहीं बन पता है. फिर उसे दीखता है कि और भी बहुत साडी प्रतिभाएं हैं जो पैसों की कमी की वजह से अपनी पढाई पूरी नहीं कर पा रहें हैं तब इस उपन्यास का मुख्या किरदार आगे आकर एक “उगता सूरज” नाम की संस्था का निर्माण करता है जो प्रतिभाओं के लिए सहयोगी साबित होता है.

ये कहानी उसे उगते सूरज के डूब जाने की है. ये कहानी उस किरदार के परिश्रम और उसके लिए मिले सज़ा की है. आशा करते हैं कि आपको ये उपन्सय ज़रूर पसंद आएगा.


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लेखक परिचय:

लेखक अंशुमान शर्मा गाँव मालिया खेर खेडा, जिला मंदसौर, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. अपने पिता सुधीर शर्मा को अपना आदर्श मानते हैं. इन्हें साहित्य के अलावा कर्मकांड में विशेष रूचि है. आपको बचपन से ही कविताएँ लिखने का शौक था. 14 वर्ष की आयु में ही लेखक ने अपना पहला उपन्यास “एहसान” लिखा था जो अब तक अप्रकाशित है. वीरू सर की प्रेरणा के बाद अब अंशुमान ने प्रकाशन की तरफ रुख किया है और अभी आप उनकी दूसरी पुस्तक के बारे में यहाँ पढ़ रहे हैं. पहली पुस्तक किंडल पर प्रकाशित हुई थी.


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पाठक क्या कहते हैं?

अमेज़न डॉट कॉम पर इस पुस्तक "उगता सूरज" की कहानी के बारे में एक व्यक्ति ने "Best Story I Ever Read" कहा है और साथ ही एक छोटी समीक्षा लिखी। यहां पढ़ें।

बहुत अर्से के बाद एक बेहतरीन कहानी पढ़ने को मिली , लेखक अंशुमान शर्मा ने कहानी का चित्रण कुछ इस भांति किया है के मानो लगता है सबकुछ आंखों के सामने हो रहा है, हर एक पात्र सजीव हो उठा है , ओर कहानी का अंत तो हृदय को छूने वाला है , एक बार अवश्य पड़े

 

अमेज़न डॉट कॉम पर ही एक अन्य पाठक "राहुल" जी ने इस पुस्तक "उगता सूरज" को "एक नंबर" लिखा और एक छोटी सी समीक्षा भी साझा की। आप यहां पढ़ें:

एक ऐसी कहानी जो हृदय पर गहरी छाप छोड़ गई.... सच में बेहद पठनीय है... और आश्चर्य है एक ऐसी कहानी जो हर उम्र के लोगों को अच्छी लगेगी... वर्तमान में ऐसी कहानी पढ़ने को मिल पाना असम्भव सा है लेकिन उगता सूरज को पढ़कर यह... सच में इस कहानी को अवश्य ही पढ़ा जाना चाहिए... भाषा सरल और कहानी में गति आखरी तक बांधे रखती है और रोचकता लाती, कहानी के चारो भागो के अंत बहुत ही मार्मिक है.. दिल छू गई... सलाम है ऐसे लेखक को... मैं भविष्य मैं भी आपको पढ़ना चाहूँगा ।

 

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