जीवन प्रेम की खोज है और प्रेम सत्यता की पहचान है।इसी पहचान को तलाशना ही साहित्य का सृजन है।
समाज मे प्रेम, सद्भाव, एकता और विश्वास को परस्पर स्थापित करने हेतु साहित्य सेवा में लगे युवा कवि पवन कुमार सिंह का जन्म जिला-गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ।
कवि पवन जी का बड़प्पन यही दिखता है कि ट्विटर एवं ब्लॉग पर सैकड़ों लोकप्रिय रचनाएँ, विचार लिखने के बाद खुद को एक नौसिखिया कवि या लेखक मानते हैं।स्वयं को एक ऐसे विद्यार्थी के रूप में देखते हैं जिसे पढ़ते रहना और सीखते रहना है।
कवि पवन बताते हैं कि...
साहित्य के प्रति प्रेम और लगाव उन्हें बचपन से हो गया। घर में दादा जी, पिता जी एवं बड़े भाईयों को कई प्रसिद्ध साहित्यिक काव्य रचनाएँ और धार्मिक ग्रन्थ के अंश कंठस्थ थे।वे प्रसंगानुसार लय से सुनाते थे।वहीं से उन्हें निरन्तर प्रेरणा मिलती रही।
विद्यालय में अध्यापक व मित्र भी साहित्य की चर्चा करने व संस्कार डालने में सहयोगी रहे।
डॉ. पवन कुमार सिंह |
डॉ.पवन कुमार सिंह की शिक्षा-दीक्षा और उनका साहित्य प्रेम
कवि पवन ने प्राथमिक शिक्षा गाजीपुर से प्राप्त करने के बाद दसवीं तक की शिक्षा शिबली नेशनल इंटर कालेज आजमगढ़ से एवं बारहवीं तथा स्नातक की शिक्षा उदय प्रताप कालेज वाराणसी (उ.प्र.) से प्राप्त किया।साथ ही साथ साहित्य अध्ययन व सृजन के लिए मेहनत करते रहे।
उच्च शिक्षा यानी स्नातकोत्तर एवं शोध-कार्य (हिन्दी साहित्य) के लिए पवन जी ने लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में दाखिला लिया और बहुत जल्दी ही पूरी निष्ठा से इसे समय के साथ पूरा भी कर लिया। उसी दौरान कालेज और विश्वविद्यालय की साहित्यिक पत्रिकाओं में समाचार पत्रों, व अन्य साहित्य की पत्रिकाओं में इनकी रचित कविताएँ, कहानियाँ और लेख भी प्रकाशित हुए।
पर कुछ अवधि के लिए सृजन कार्य में एक अंतराल भी आया।रोजगार की खोज ,प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी एवं अनेक नौकरियों की प्राप्ति व उनको बदलने आदि के दौरान लेखन कार्य अल्पावधि हेतु विश्राम भी लेता रहा।
पर, अपने स्वरूप से विशाल सोशल मीडिया का आगमन कवि पवन के लिए वरदान सिद्ध हुआ ।सोशल मीडिया ने उन्हें साहित्यिक कार्यों के निष्पादन हेतु अनेक प्लेटफॉर्म दिए। जिसकी महत्ता समझते हुए डॉ. पवन कुमार सिंह ने कवि नाम “पवन” से लिखना शुरू किया। इनकी रचनाएँ ऑनलाईन देश विदेश के 50 हजार से अधिक पाठकों तक पहुंचने लगी। कवि पवन अपने ब्लॉग, वेबसाइट और ट्विटर को माध्यम बनाकर अपनी रचनाएँ लोगों तक पहुँचा रहे हैं। ट्विटर पर लगभग दस हजार और ब्लॉग पर लगभग चालीस हजार पाठक जुड़ चुके हैं।
आज की तारीख में वे हजारों -लाखों पाठकों के चहेते कवि बन चुके हैं।
भारत सरकार के माननीय रेल मंत्री ' श्री पीयूष गोयल जी' ने कई बार कवि पवन की काव्य पंक्तियों पर नोटिस लिया है और अपने ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से भी इनकी कविताएँ साझा की हैं।
मशहूर शायर स्वर्गीय राहत इंदौरी भी कवि पवन की कविताओं के कद्रदान रहे हैं और अपने ट्वीटर हैंडल से प्रायः लाईक व साझा करते रहते थे।
साहित्यप्रेमी राजनीतिज्ञों के अलावा अनेक आई ए एस, आई पी एस ,प्रशासनिक अधिकारी, फ़िल्मी जगत के लोग, पत्रकारिता जगत की महत्वपूर्ण हस्तियाँ, औद्योगिक जगत के हिन्दी साहित्यप्रेमी लोग इनको सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं। इनकी रचनाओं को पढ़ते हैं और साझा करते हैं। पवन जी इन सब के पीछे अपने फाल्वर्स की उदारता महानता,उनके अपार स्नेह को ही श्रेय देते हैं।
भारत सरकार की महत्वपूर्ण शिक्षण संस्था केंद्रीय विद्यालय संगठन में हिन्दी प्रवक्ता (PGT-Hindi) के महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत रहकर अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हुए कवि पवन हिन्दी साहित्य के प्रचार प्रसार के लिए ख़ूब मेहनत कर रहे हैं।
डॉ. पवन कुमार सिंह |
आईए, डॉ. पवन कुमार सिंह उर्फ 'कवि पवन ' की कुछ कविताएँ यहाँ पढ़ते हैं।
1 -
कविता सुनकर या पढ़कर
भूख तो नहीं मिटती
पेट तो नहीं भरता...
पर..
रूखे सूखे भोजन में
झट से आता है स्वाद..!!
2-
जिद्दी होती है
अधूरी कविता
पकड़े रहती है कस कर
कवि की उंगलियाँ
जब तक पूरी न हो जाए ....।
3 -
कह देना आसान बहुत था,
बेमतलब का काम बहुत था।
खोई खोई रोई आँखें ,
चुप थीं पर अरमान बहुत था।
टूटे बिखरे निखरे सुधरे,
टुकड़े टुकड़े काम बहुत था।
रोने की ख्वाईश थी मेरी,
शहर में मेरा नाम बहुत था।
सीधा सच्चा बात का पक्का
इंसां था, परेशान बहुत था।
4-
कुछ कहते हैं कुछ सुनते हैं,
कुछ चुप रहकर सब सहते हैं।
कुछ लोग मुहब्बत करते हैं,
कुछ लोग मुहब्बत होते हैं। "
5 -
पानी पर लिखी गई कविता
सिर्फ कवि ही नहीं पढ़ता
पक्षी भी पढ़ता है
उसके पंख से छिटकती बूँदें
अर्थ होती हैं कविता की।
6—
प्रेयसी को
वचन देने वाले वृक्ष
इंतजार करते प्रेमी हैं,
रोज छाँव बाँटकर
वे अपना वादा पूरा करते हैं...।
7 -
किस्सा -कहानी
राजा-रानी
नदी-पर्वत छुईमुई -पीपल
जैसा नहीं होता
सूरज सा होता है प्रेम...
आश्वासन देकर उगने का
ढल जाता है।
8 -
ना ही बचाता कोई राजा,
ना ही बचाता कोई मंत्री,
ना ही बचाता कोई पुरस्कार,
ना ही बचाती कोई तारीफ़,
बस व्यथा से ही बचती है कविता,
निर्दोष हृदय में छा जाने पर,
मामूली सा व्यक्ति कवि बन जाता है।
9-
हौले से रखते हैं
टहनियों पर उँगलियाँ...
माथे से सुनते हैं
वृक्ष की धड़कन...
नहीं छीलते त्वचा
मासूम पेड़ का...
ना ही लगाते हैं
उसमें कोई खरोंच...
प्रेमी बावरे नहीं होते।
10-
जैसे विदा होता है
धीरे-धीरे सौंदर्य
चली जाती है
अचानक जवानी
हाथ छुड़ा लेता है
झट से बचपन
ओ हृदय सुगंध,
वैसे तुम कभी मत जाना।
डॉ. पवन कुमार सिंह उर्फ़ 'कवि पवन' |
कवि पवन कहते हैं कि
कविता लिखने का मुख्य कारण स्वान्तः सुखाय के साथ नई पीढ़ी को सरल शब्दों में वास्तविक साहित्य से जोड़ना है जिससे उनकी साहित्यिक संवेदना का विकास हो सके।
कविता और गीत के मर्म को वे समझ सकें, फलस्वरूप समाज मे प्रेम, सद्भाव, और एकता स्थापित हो। लोग मानव मूल्यों व मानवता को समझ सकें, चारो ओर प्रेम ही प्रेम व्याप्त हो सके। प्रकृति और प्रेम पर आधारित उनकी कविताओं का यही एकमात्र संदेश है।
उच्च शिक्षा के दौरान लखनऊ शहर में नियमित रूप से कवि सम्मेलन, हिन्दी साहित्य की गोष्ठियों व मुशायरों में श्रोता के रूप में उनका जाना होता था। ढेर सारी साहित्यिक पत्रिकाओं का नियमित रूप से अध्ययन भी करते रहते थे और आज भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष माध्यम जैसे टेलीविजन, गूगल और यूट्यूब के द्वारा ये शौक जारी रखे हुए हैं।
यदि आप भी डॉ. पवन कुमार सिंह उर्फ़ 'कवि पवन' से जुड़ना चाहते हैं या फिर बात करना चाहते हैं या कोई और सामाजिक कार्य, संगोष्ठी, साहित्य की कार्यशाला के लिए इनको आमंत्रित करना चाहते हैं तो निम्नलिखित पते पर उनसे संपर्क कर सकते हैं ।
एक साहित्यकार और रचनाकार को प्रोत्साहन और पाठकों का प्रेम ही और कुछ नया रचने के लिए प्रेरित करता है। आप सभी सम्मानित पाठक से आग्रह करुँगा कि कवि पवन से आप जुड़ें, नई पीढ़ी के रचनाकार इनको पढ़ें, इन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।एक अच्छे मित्र की तरह नए लोगों का ये निरंतर मार्गदर्शन भी करते रहते हैं।
आप हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार एवं रचना कार्य के क्षेत्र में कुछ भी सहयोग करना चाहते हैं तो कवि पवन से निम्न पते पर ज़रूर सम्पर्क करें।
सम्पर्क :
ईमेल- pavanforhindi@gmail.com
Twitter Handle: ONLY PAVAN KUMAR
BLOG: onlypavankumar.wordpress.com
बहुत सुंदर प्रभावशाली व्यक्तित्व धन्यवाद अहमद जी
ReplyDeleteप्रोत्साहना हेतु धन्यवाद महोदय।
DeleteBahut achhi kavitayen hain inki.. shubhkamnaye
ReplyDeleteThank you so much 🥰🥰
DeleteDhanyawad!
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