'https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js'/> src='https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js'/> “किताब की बातें” : गुगली

 

आज किताब की बातेंकॉलम में हम बात करेंगे युवा लेखक और उपन्यासकार ज्ञानेश साहू जी के दुसरे  उपन्यास  गुगलीकी, ये किताब दोस्ती, प्यार और क्रिकेट की गुगली पर काल्पनिक घटनावों से एक अलग कहानी बनायीं गयी है। अभी तक इस किताब को पाठको ने खूब सराहा है। प्रस्तुत कृति उनका दूसरा उपन्यास है और आज हम इसी के बारे में बात कर रहें हैं। ये किताब “राजपाल एंड संस प्रकाशन” से प्रकाशित हुई है।

 

 

·         Publisher :  Rajpal and Sons (1 July 2021);

·         Rajpal and Sons, 1590 Madarsa Road, Kashmiri Gate, Delhi - 110 006,

·         Language :  Hindi

·         Paperback :  144 pages

·         ISBN-13 :  978-9389373615

 


किताब और कहानी के बारे में...

 

स्कूल के आखिरी और कॉलेज के शुरुआती वर्षों का यादगार और अलमस्त समय! जब स्कूल के अनुशासन से छूटे और जवानी की दहलीज़ पर खड़े छात्र अपनी आज़ादी और महत्वाकांक्षाओं की उड़ान को परखने लगते हैं। जीवन के कठोर यथार्थ से बेपरवाह ये समां होता है दोस्त बनाने का, सपने देखने का। भिलाई के एक स्कूल में पढ़ने वाले कुछ दोस्तों की ऐसी ही कहानी है गुगली। दोस्त जो एक दूसरे पर जान छिड़कते हैं और आजीवन दोस्ती की कसमें खाते हैं। सब क्रिकेट के दीवाने हैं और इनका कैलेंडर एक टैस्ट मैच से दूसरे टैस्ट मैच तक चलता है। दोस्ती और क्रिकेट के बीच पहला-पहला प्यार भी अंकुरित होता है। दोस्तों की प्रगाढ़ मित्रता, क्रिकेट के लिए जुनून, जीवन और कैरियर की जद्दोजहद, सच्चे प्यार को शिद्दत से पाने की प्रबल इच्छा को लेखक ने बहुत खूबसूरती से उकेरा है।

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About The Author:



स्टील सिटी भिलाई में जन्मे, पले-बढ़े, आईटी कम्पनी में कार्यरत ज्ञानेश साहू, को बचपन से ही यात्रा-डायरी लिखने का शौक था। वे कुछ-न-कुछ लिखते ही रहते हैं। गुगली उनका पहला हिन्दी उपन्यास है। दो और किताबें “Start a Start-Up From Start” (2017) और  “Destiny: A Thrilling Love Story” (2019) लिख चुकें हैं।
आप इनसे यहाँ सम्पर्क कर सकते हैं: gyanesh20sahu@gmail.com

 

पाठक क्या कहते हैं?

 

अमेज़न डॉट इन पर हरीश साहू लिखते हैं.......... 

2-3 दिन पहले ज्ञानेश साहू द्वारा लिखित एवं सोशल मीडिया पर आजकल युवा वर्ग में चर्चित किताब 'गुगली' अमेजन के माध्यम से प्राप्त हुई।

इस्पात नगरी भिलाई व इंदौर की पृष्ठभूमि पर आधारित यह कहानी आपको अंत तक बांध कर रखती है कहानी 2007 के क्रिकेट विश्व कप से 2011 के क्रिकेट विश्व कप के बीच बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत की गई है कहानी के पात्रों का चरित्र चित्रण मज़ेदार है कहानी के सभी पात्र कभी आपको हंसाते है तो कभी आपको रूलातें है भिलाई शहर के दिनचर्या, रहन-सहन एवं खानपान का सजीव चित्रण किया गया है कहानी के सभी किरदार आपको रोज़मर्रा के जीवन में अपने आस-पास मिल ही जाएंगे। प्यार, दोस्ती और क्रिकेट पर आधारित यह किताब आपको निराश नही करेगी। लेखक बधाई के हकदार है👍💐


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गोविन्द साहू अमेज़न डॉट इन पर लिखते हैं कि ये एक बेमिसाल दोस्ती की कहानी है. निचे पूरी समीक्षा पढ़ें.

गूगली को पढ़ने के बाद मुझे ये तो समझ आ गया की दोस्ती क्या होती है । लेखक ने अच्छे तरीक़े से सारी चीज़ों का उलेख करते हुए हमारे सामने ऐसा चित्रण किया है की जिससे हमें ऐसा लगता है जैसे सारी घटनाएं हमारे सामने हो रही हो । साथ ही साथ इसमें जोशी सर का character मेरे एक सर के स्वभाव से बिल्कुल same था जो मुझे उनकी याद दिलाता था । और शिल्पा और योगेश जैसे दोस्त मिल जाए तो क्या ही कहने।

 

वही प्रेरणा अमेज़न डॉट इन पर ही लिखती हैं...उनकी समीक्षा भी आप यहाँ निचे पढ़ सकते हैं.

मुझे इस कहानी में योगेश और शिल्पा का किरदार आकाश और माहिरा से भी ज्यादा अच्छा लगा। क्योंकि इन दोनों ने दोस्ती को ज़िंदा रखा और उसके लिए सब कुछ किया ।
इस कहानी को पढ़कर मुझे पुराने अपने स्कूल के दिनों की याद आ गई । क्रिकेट का ज्यादा समझ नहीं है लेकिन फ़िर भी पढ़कर बहुत मज़ा आया।



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नोट : इस लेख की कुछ जानकारियाँ अमेज़न डॉट इन से और अत्यधिक जानकारियां ज्ञानेश साहू जी से ली गयी है.

 

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